भारत के शिक्षा मंत्री वर्तमान समय में कौन है ?
वर्तमान समय में भारत के शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान जी हैं | इन्होंने केन्द्रीए शिक्षा मंत्री के रूप में 7 जुलाई 2021 को शपथ ग्रहण किया था | इससे पहले श्री धर्मेंद्र प्रधान जी ने भारतीय केंद्रीय सरकार के अंतर्गत मानव संसाधन विकास मंत्रालय में भी मंत्री के रूप में भी करी कर चुके है।
हम आपको बता देना चाहते हैं, कि कोरोना काल मे ही श्री धर्मेंद्र प्रधान जी की नियुक्ति पूर्व शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल जी के इस्तीफा देने के बाद हुई थी | श्री रमेश पोखरियाल जी ने 7 जुलाई 2021 को अपना इस्तीफा दिया था | उनका इस्तीफा देने का कारण स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां थी | जब से करोना काल शुरू हुआ था तब से ही श्री पोखरियाल जी बीमार चल रहे थे, और उन्हें लगभग 15 दिनों तक दिल्ली एम्स में आईसीयू में भी भर्ती रहना पड़ा था जहां उनकी लगातार गंभीर स्थिति बनी हुई थी।
श्री धर्मेंद्र प्रधान जी के बारे में अन्य महत्वपूर्ण बातें
श्री धर्मेंद्र प्रधान जी का जन्म 26 जून 1969 को उड़ीसा में तलचर शहर में हुआ है | श्री धर्मेंद्र प्रधान जी भारत के पूर्व राज्य मंत्री देवेंद्र प्रधान जी के बेटे हैं, तथा इनकी माता का नाम श्रीमती बसंत मंजरी प्रधान और उनकी पत्नी का नाम श्रीमती मृदुला प्रधान है |श्री देवेंद्र प्रधान जी पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेई जी के सरकार में सन 1999 से 2004 तक केंद्रीय मंत्री भी रहे थे | श्री धर्मेंद्र प्रधान जी ने उड़ीसा के तलचर कॉलेज से अपने 12वीं कक्षा की पढ़ाई पूरी की है | इसके बाद उन्होंने उत्कल यूनिवर्सिटी भुवनेश्वर से एंथ्रोपोलॉजी में स्नातकोत्तर किया है ,बाद मे उन्होने राजनीति मे प्रवेश कर लिया |
श्री धर्मेंद्र प्रधान जी, डॉ रमेश पोखरियाल निशंक जी के इस्तीफे से पहले भारतीय सरकार के अंतर्गत ही पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और स्टील मंत्रालय संभाल रहे थे, और बाद में इन्हें केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंप दी गई थी |
श्री धर्मेंद्र प्रधान जी उड़ीसा के प्रतिष्ठित राजनेताओं में से एक हैं, तथा कॉलेज के दिनों से ही उनमें नेतृत्व के गुण मौजूद थे | जब उड़ीसा के तल से कॉलेज में अपनी उच्चतर शिक्षा ग्रहण कर रहे थे, तभी उन्होंने ए बी वी पी कार्यकर्ता के रूप में छात्र संघ को ज्वाइन कर लिया | इसके बाद सन 1998 में यह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए और भारतीय जनता पार्टी का सदस्य रहते हुए ही इन्होंने उत्कलमणि गोपाबंधु प्रतिभा सम्मान प्राप्त किया जो कि उड़ीसा विधानसभा का सर्वश्रेष्ठ विधानसभा सम्मान है |
श्री धर्मेंद्र प्रधान जी राजनीतिक करियर :-
धर्मेंद्र प्रधान जी भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं, तथा वर्तमान में यह भारतीय शिक्षा मंत्री के रूप में केंद्र सरकार के अंतर्गत कार्य कर रहे हैं। श्री धर्मेंद्र प्रधान जी ने पल्लहारा निर्वाचन क्षेत्र से 2000 के विधानसभा चुनाव में अपना राजनीतिक दांव खेलना शुरू किया था , और अपनी पहली चुनावी जीत प्राप्त की थी | उड़ीसा के 12 वीं विधानसभा क्षेत्र में इनका निर्वाचन हुआ था, तथा भाजपा या भारतीय जनता पार्टी के सदस्य होते हुए इन्होंने पार्टी के लिए अलग-अलग पदों पर रहकर कार्य किया, और चौधरी विधानसभा के लिए इन्हें चुना गया | श्री धर्मेंद्र प्रधान जी बिहार और मध्य प्रदेश से दो बार राज्यसभा चुनाव जीत चुके हैं | इसके बाद इन्होने वर्ष 2014 में उन्होंने पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के रूप में केंद्रीय मंत्री के रूप में कार्य किया था | इस मंत्रालय में रहते हुए इन्होंने 24 से अधिक देशों के साथ कई शिखर सम्मेलनों में भाग लिया और भारतीय प्रतिनिधित्व का अनोखा उदाहरण देते हुए अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों में भारत को प्रेजेंट किया | श्री धर्मेंद्र प्रधान जी भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और भाजपा पार्टी के अध्यक्ष श्री अमित शाह जी के करीबी और भरोसेमंद व्यक्ति माने जाते हैं |
श्री धर्मेंद्र प्रधान जी केंद्रीय शिक्षा मंत्री रहते हुए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं अब तक कर चुके हैं जैसे कि:-
केंद्रीय मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान जी ने ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री अनिल विज से बात की तथा उन्होंने भारतीय छात्रों की वापसी के लिए मुद्दा भी उठाया | इसके अलावा उन्होंने उड़ीसा में गांधी जयंती के दिन लोगों से स्वदेशी उत्पादों को खरीदने और उनके इस्तेमाल करने की अपील की |
श्री प्रधान जी ने भारतीय असिस्टेंट प्रोफेसरों के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना भी प्रसारित की कि इस साल से असिस्टेंट प्रोफेसरों को पीएचडी की योग्यता हासिल करना अनिवार्य नहीं होगा |
इसके अलावा श्री धर्मेंद्र प्रधान जी ने आंध्र प्रदेश और झारखंड के मुख्यमंत्रियों को उड़िया भाषा के इस्तेमाल पर आने वाली समस्या के लिए उन्हें पत्र भी लिखा तथा क्षेत्रीय भाषाओं को अधिक से अधिक इस्तेमाल करने के लिए उनके लिए नीतियां बनाने के लिए भी जोर दिया |
शिक्षा मंत्री के अंतर्गत आने वाले महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां :-
हम आपको यहां पर बताना चाहते हैं, कि भारतीय शिक्षा मंत्री अकेले काम नहीं करता है, बल्कि वह अपने विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ राज्य सरकारों के शिक्षा मंत्रियों और उनके विभाग के अधिकारियों के साथ कार्य करता है |
- यह बहुत जरूरी है क्योंकि तभी शिक्षा को आगे बढ़ाया जा सकता है तथा जो लोग शिक्षा का सही इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं, या जिनके पास शिक्षा नहीं पहुंच पा रही है उन लोगों को भी शिक्षा से जुड़ी नीतियों और कार्यक्रमों से जोड़ना शिक्षा मंत्री का कार्य है | शिक्षा मंत्री को यह भी ध्यान में देना चाहिए कि समय-समय पर वह इन नीतियों का मूल्यांकन करें तथा इस में आने वाले सुधारों का अवलोकन भी करें, ताकि शिक्षा की गुणवत्ता और उसके स्तर को बढ़ाया जा सके तथा समाज में रहने वाले हर व्यक्ति को शिक्षा का अधिकार प्राप्त हो सके |
- भारतीय शिक्षा मंत्री के अंतर्गत प्रौढ़ शिक्षा और साक्षरता साक्षर मिशन |
- प्रौढ़ शिक्षा और कौशल विकास के लिए शैक्षिक एजेंसियों की सहायता के लिए योजना |
- प्रौढ़ शिक्षा निदेशालय स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के संबंध और संसदीय कार्य प्रगति सहित नीति आयोग का यूटीपी कार्यालय राष्ट्रीय घटक द्वारा सभी समीक्षाएं,
- सचिवों का समूह प्रशासन और अंतरराष्ट्रीय सहयोग विभाग स्कूल शिक्षा और साक्षरता से संबंधित अवस्था की शिक्षा खेलों को बढ़ावा देना |
- पुस्तकालयों का संवर्धन करना |
- जीवन कौशल स्कूलों में योग के महत्व को बताना |
- समावेशी शिक्षा लड़कियां महिलाएं निशक्तजन अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति के लिए कार्य करना | रंगोत्सव भाषा महत्व आदि जैसे प्रायोगिक शिक्षण कार्य को बढ़ावा देना किशोर शिक्षा के लिए कार्य करना | महिला सामाख्या करना मदरसों में शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण बनाना |
- अल्पसंख्यक संस्थानों में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए योजना बनाना |
- राष्ट्रीय साधन से योग्यता छात्रवृत्ति योजना के लिए कार्य करना |
- माध्यमिक शिक्षा के लिए प्रोत्साहन करना तथा आदिवासी स्कूलों के लिए कार्य करना आता है|
- समग्र शिक्षा के अंतर्गत नीति और योजनाएं और बजट बनाना |
- अधिगम मूल्यांकन कार्य के लिए नीतियां बनाना |
- व्यवसायिक शिक्षा को बढ़ावा देना स्कूलों के लिए मॉडल तैयार करना |
- आधार से संबंधित कार्य शिक्षा के अधिकार को और अधिक सुदृढ़ बनाना शिक्षक के लिए योजना बनाना |
- उनकी नियुक्ति करना इसके अलावा स्वच्छ विद्यालय नीतियां बनाना |
- विद्यालयों की आधिकारिक संरचना पर जोर देना यूनिसेफ के साथ मिलकर कार्य करना |
- अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए कार्यक्रम बनाना राष्ट्रीय शैक्षिक योजना और प्रशासन से जुड़े हुए कार्य करना |
- केंद्र शासित प्रदेश जैसे चंडीगढ़ और राज्यो जैसे गुजरात यूपी गोवा केरल तमिलनाडु राजस्थान के लिए शिक्षा से जुड़ी नीतियों को बनाना |
- यह सभी कार्य शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आते हैं और शिक्षा मंत्रालय तथा भारत सरकार द्वारा समय-समय पर मूल्यांकन किया जाता है |
- हम जहां पर भारत के पूर्व शिक्षा मंत्रियों की सूची भी आपको बता रहे हैं जिन्होंने वर्ष 1947 से लेकर वर्ष 2021 तक भारतीय शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया है।
श्री मौलाना अबुल कलाम आजाद 15 अगस्त 1947 से 22 जनवरी 1958 तक |
श्री डॉक्टर के एल श्रीमाली 22 जनवरी 1958 31 अगस्त 1963 तक |
श्री हुमायूं कबीर 1 सितंबर 1963 से 21 नवंबर 1963 तक।
श्री एमसीसी छागला जी 21 नवंबर 1963 से 13 नवंबर 1966 तक।
श्री फारुख दिन अली अहमद 14 नवंबर 66 से 13 मार्च 1967 तक।
श्री डॉक्टर त्रिगुण सेन 16 मार्च 1967 से 14 फरवरी 1969 तक |
श्री डॉ वी के आर वी राव 14 फरवरी 1969 से 18 मार्च 1971 तक |
श्री सिद्धार्थ शंकर 18 मार्च 1975 से 20 मार्च 1972 तक |
श्री प्रोफेसर एस नूर हसन 24 मार्च 1972 से 24 मार्च 1977 तक |
श्री प्रोफेसर प्रताप चंद्र चंद्र 26 मार्च 1977 से 28 जुलाई 1989 तक |
श्री डॉक्टर करण सिंह 30 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक |
श्री बी शंकरनन्द 14 जनवरी 1980 से 17 अक्टूबर 1980 तक |
श्री एस चौहान 17 अक्टूबर 1980 से 8 अगस्त 1981 तक |
श्री शीला कौल 10 अगस्त 1981 से 31 दिसंबर 1984 तक |
श्री केसी पंत 31 दिसंबर 1984 से 25 सितंबर 1985 तक |
श्री पी वी नरसिंह राव 25 सितंबर 1985 से 25 जून 1988 तक |
श्री पी वी नरसिंह राव 25 दिसंबर 1994 से 9 फरवरी 1995 तक |
श्री पी वी नरसिंह राव प्रधानमंत्री 17 जनवरी 1996 से 16 मई 1996 तक |
श्री शिव शंकर 24 जून 1988 से 2 दिसंबर 1989 तक |
श्री वीपी सिंह दिसंबर 1989 से 10 नवंबर 1990 तक |
श्री राज मंगल पांडे 21 नवंबर 1990 से 21 जून 1991 तक |
श्री अर्जुन सिंह 23 जून 1991 से 24 दिसंबर 1994 तक |
श्री अर्जुन सिंह 22 मई 2004 से 22 मई 2009 तक |
श्री माधवराव सिंधिया 10 फरवरी 1995 से 17 जनवरी 1996 तक |
श्री अटल बिहारी वाजपेई 16 मई 1996 से 1 जून 1996 तक |
श्री एम आर बोममई 5 जून 1996 से 19 मार्च 1998 तक |
श्री डॉ मुरली मनोहर जोशी मार्च 1998 से 21 मई 2000 तक |
श्री कपिल सिब्बल जी 22 मई 2009 से 28 अक्टूबर 2012 तक |
श्री एम एम पल्लमराजू 29 अक्टूबर 2012 से 25 मई 2014 तक |
श्री स्मृति ईरानी 26 मई 2014 से 5 जुलाई 2016 तक |
श्री प्रकाश जावड़ेकर 5 जुलाई 2016 से 30 मई 2019 तक |
डॉ रमेश पोखरियाल निशंक जी 30 मई 2019 से 7 जुलाई 2021 तक |
श्री धर्मेंद्र प्रधान जी 7 जुलाई 2021 से अब तक।
भारत में शिक्षा मंत्री के क्या कार्य होते हैं।
भारतीय शिक्षा मंत्रालय पहले भारतीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के नाम से जाना जाता था यह भारत सरकार का एक महत्वपूर्ण मंत्रालय है जिसमें मानव संसाधन विकास मंत्रालय का कार्य भारतीय मंच शिक्षा से जुड़ा हुआ जिम्मेदारी भरा कार्य होता था बाद में इस मंत्रालय को दो महत्वपूर्ण विभागों में बांट दिया गया जिसमें स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग जो कि प्राथमिक माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा व्यस्त शिक्षा और साक्षरता और उच्च शिक्षा विभाग से संबंधित था इसके अंतर्गत विश्वविद्यालय शिक्षा तकनीकी शिक्षा और छात्र वितरित किया भी जुड़ी हुई है इसके बाद 26 सितंबर 1985 को भारतीय मानव संसाधन मंत्रालय को दो विभागों में विभाजित कर दिया गया और पूर्व में मानव संसाधन विकास मंत्री के रूप में श्री प्रकाश जावड़ेकर जी कार्यरत रहे।
भारतीय शिक्षा मंत्रालय का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति तैयार करना है, और यह सुनिश्चित करना है कि यह नीतियां पूरे भारत में सभी शिक्षण संस्थानों पर लागू हो तथा उन्हें योजनाबद्ध सही तरीके से उपयोग में लाया जाए जिन लोगों को आसानी से शिक्षा उपलब्ध नहीं हो सकती है, जैसे गरीब महिलाएं बच्चे अल्पसंख्यक उन्हें विशेष तौर पर छात्रवृत्ति प्रदान करना सब्सिडी प्रदान करना तथा शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना भी शामिल है |
शिक्षा का एक उद्देश्य समाज में वंचित वर्गो के छात्रों को भी योग्य बनाना है भारतीय शिक्षा मंत्रालय उसको और विदेशी सरकारों के साथ मिलकर के विश्वविद्यालय और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के साथ काम करती है।
हम आपको यह बताना चाहते हैं, कि अप्रैल 2016 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क के तहत भारतीय कॉलेजों की रैंकिंग की पहली सूची प्रकाशित की थी | जिसमें एनबीए ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन यूजीसी सनराइडर एलएसबीए केंद्र शामिल थे।
इसके अलावा भारतीय शिक्षा मंत्री के और भी बहुत सारे कार्य होते हैं, जिसके अनुसार मंत्री अपनी प्राथमिकताएं तय करते हैं | शिक्षा मंत्री का सर्वप्रथम उद्देश्य यह होता है कि वह शिक्षा के क्षेत्र में सभी बच्चों की भागीदारी को सुनिश्चित करें और बच्चों को निशुल्क शिक्षा प्रदान करें | इसके अलावा भारतीय शिक्षा मंत्री को समय-समय पर योग्य शिक्षकों की भर्ती भी करनी चाहिए | जो बच्चों को शिक्षित करने के महत्वपूर्ण संसाधन के रूप में कार्य करते हैं | इसके अलावा शिक्षा मंत्री को बच्चों के मिड डे मील के बारे में भी नीतियां सुनिश्चित करनी चाहिए तथा जो बच्चे गरीब हैं, अथवा शिक्षा खरीदने में असमर्थ हैं उन्हें निशुल्क शिक्षा प्रदान करने के उपाय करने चाहिए |